Steps taken by the Deputy Government to curb crime

Editorial: अपराध पर अंकुश के लिए नायब सरकार के उठाए कदम सही

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Steps taken by the Deputy Government to curb crime

The steps taken by the deputy government to curb crime are correct: हरियाणा प्रदेश जिस प्रकार आगे बढ़ रहा है, उसी प्रकार यहां अपराध का बोलबाला भी परवान चढ़ रहा है। किसी भी सरकार के समक्ष अपराध पर अंकुश पाना सबसे बड़ी चुनौती होती है। प्रदेश में बीते कई वर्षों से अनेक ऐसी वारदातें सामने आई हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि राज्य में अपराधी बेखौफ हो गए हैं। यही वजह है कि विपक्ष को यह कहने का अवसर प्राप्त हो गया कि प्रदेश में अपराध पर सरकार का नियंत्रण नहीं है।

हालांकि ऐसे आरोप राजनीतिक ज्यादा होते हैं, क्योंकि ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाते समय सरकार के समक्ष तमाम बाधाएं होती हैं। हालांकि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बीते दिनों राज्य पुलिस के आलाधिकारियों को जिस प्रकार अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं, उसके बाद ही यह घटनाक्रम सामने आया है कि सोनीपत में भाऊ गैंग के तीन बदमाशों को पुलिस के विशेष बल ने मार गिराया। बेशक, इस तरह के मामलों में मानवाधिकार और कानूनी प्रक्रिया का हवाला दिया जाता है, लेकिन बदमाशों के पास अत्याधुनिक हथियारों का होना और पुलिस पर जवाबी फायरिंग यह बताती है कि वे पीछे हटने को तैयार नहीं होते। ऐसे में अगर वे पुलिस की कार्रवाई में मारे जाते हैं तो इससे जहां बाकी अपराधियों का हौसला पस्त होता है, वहीं अपराध पर अंकुश लगाने में भी कामयाबी प्राप्त होती है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पुलिस अधिकारियों को साफ कहा था कि जिलों में पुलिस की मौजूदगी का अहसास अपराधियों को होना चाहिए, यानी वे अपराध करने से पहले बहुत बार सोचें। सोनीपत में जिन तीन अपराधियों का एनकाउंटर हुआ है, वे सभी व्यापारियों को धमकी देकर वसूली करने आदि के अपराध में शामिल थे। तीनों अपराधी गोहाना के मातूराम हलवाई की दुकान पर फायरिंग, हिसार में महिंद्रा शोरूम पर फायरिंग और मुरथल के गुलशन ढाबे पर एक कारोबारी की हत्या में संलिप्त थे। दरअसल, आजकल राज्य में कारोबारियों, व्यापारियों, दुकानदारों आदि को धमकी देकर, उनके प्रतिष्ठानों पर फायरिंग करके उनसे वसूली आदि की तमाम वारदातें अंजाम दी जा रही हैं। इसके बाद यह आवश्यक था कि राज्य सरकार इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई करे।

इस समय कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष राज्य सरकार की इस बात के लिए आलोचना कर रहा है कि वह अपराध पर अंकुश नहीं लगा पा रही। कांग्रेस नेताओं की ओर से कहा गया है कि उनकी सरकार के रहते अपराधियों का एनकाउंटर कर दिया जाता था या उन्हें प्रदेश छोड़ने को मजबूर कर दिया जाता था। बेशक, एक सरकार की जिम्मेदारी प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई की है, मौजूदा नायब सरकार ने यही किया है। उसने अपराध को कंट्रोल करने के लिए तमाम प्रभावी उपाय किए हैं। यह भी गौरतलब है कि राज्य पुलिस ने साइबर अपराध को रोकने के लिए भी ठोस कदम उठाए हैं और तमाम ऐसे मामलों का पर्दाफाश किया है, जिसमें अपराधियों ने जनता के साथ धोखाधड़ी की।

वास्तव में हरियाणा तेजी से विकसित होता प्रदेश है, यहां जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं, यहां का सामाजिक चरित्र रौब-दाब और ऊंचे संपर्कों के दिखावे का है। इस समय विपक्ष प्रदेश में लगातार इसे मुद्दा बना रहा है कि यहां अपराध बढ़ रहा है। नेताओं के इस पर लगातार बयान आ रहे हैं, बेशक यह एक गंभीर विषय है, और इस पर सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाए जाने चाहिएं लेकिन यह भी सच है कि कुछ प्रकार के अपराध को रोकना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है।

हालांकि सुशासन इसी का नाम है कि राज्य में सब कुछ न्यायपूर्ण हो और इसकी जिम्मेदारी पुलिस की होती है।  पुलिस के आला अधिकारियों की भी यह जिम्मेदारी है कि वे अपने जिले में सुरक्षित माहौल उत्पन्न करें। यह पूरी तरह संभव है कि राजनीतिक मंशा के बावजूद पुलिस विभाग ऐसे अपराधियों के प्रति सुस्ती दिखा रहा हो। हालांकि सोनीपत में भाऊ गैंग के तीन अपराधियों की एनकाउंटर में मौत यह बताती है कि नायब सरकार ने अपराध पर अंकुश के लिए कमर कस ली है। अगले कुछ महीनों में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य सरकार की ओर से आजकल तमाम अहम निर्णय लिए जा रहे हैं, जोकि राज्य में हर समाज के हित में हैं। निश्चित रूप से सत्ताधारी भाजपा की तैयारियां तीसरी बार भी राज्य में अपनी सरकार सुनिश्चित करने की है, हालांकि राज्य में जनमत क्या रहने वाला है, यह समय ही बताएगा। 

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